असम। डिब्रूगढ़ जिले के मोरन स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के 22 छात्रों को स्कूल की एक गर्भवती शिक्षिका पर हमले का प्रयास करने का प्रयास किया। दो अन्य टीचरों ने उन्हें बचा लिया। घटना के बाद छात्रों को निलंबित कर दिया गया। सभी 10 और 12वीं के छात्र थे।
प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में टीचर पैरंट्स मीटिंग थी। छात्रों के माता-पिता आए थे। इस दौरान इतिहास की टीचर ने 22 छात्रों के खराब प्रदर्शन को लेकर उनकी शिकायत उनके माता-पिता से की।
40-50 छात्रों ने घेरा
रविवार की शाम करीब 40-50 छात्रों की भीड़ ने पांच महीने की गर्भवती शिक्षिका के साथ मारपीट करने का प्रयास किया। प्राचार्य रतीश कुमार ने कहा कि जब शिक्षिका छात्रों से घिरी हुई थी तो वह बेहोश हो गई और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई। भीड़ के हमले का सामना करने वाली दसवीं कक्षा की शिक्षक ने अभिभावकों को हाल ही में माता-पिता-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में छात्र के खराब प्रदर्शन का कारण बताया था।
सभी 10वीं और 12वीं के छात्र
दो छात्र मुख्य अपराधी थे। उन्होंने 40-50 छात्रों को इकट्ठा किया, जिनमें ज्यादातर कक्षा X और XI के थे। सभी छात्रों ने टीचर को घेर लिया और उनके ऊपर भद्दे कॉमेंट्स किए। उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की।
मुख्य अपराधी की मां के पूछे जाने पर शिक्षिका ने विनम्रता से बताया कि उनका बेटा अपनी पढ़ाई पर उचित ध्यान नहीं दे रहा है। मां ने टीचर से उनके बेटे की देखभाल करने का अनुरोध किया। लेकिन उसने हमले की योजना बनाई।
स्कूल प्रबंधन ने कराई जांच
मामले में डिब्रूगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट बिस्वजीत पेगू ने जांच के आदेश दिए, स्कूल अधिकारियों ने दो अपराधियों की पहचान की। हमले का नेतृत्व करने वाले स्कूल के अधिकारियों ने बाद में 22 छात्रों की एक सूची तैयार की। प्रिंसिपल ने बताया कि ये 22 छात्र रैगिंग, शिक्षकों को गाली देने और परिसर में शराब लाने में शामिल हैं। शिक्षिका ने कहा कि भीड़ ने उसके अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचाने से पहले उन्हें दो शिक्षकों ने बचा लिया।