राजस्थान हाईकोर्ट के 38वें चीफ जस्टिस अकील अहमद कुरैशी को राज्यपाल ने दिलाई शपथ, इनके गांधीवादी पिता ताउम्र साबरमती आश्रम में रहे



जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार दोपहर राजभवन में राजस्थान हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस अकील अहमद कुरैशी को शपथ दिलाई। जस्टिस कुरैशी राजस्थान हाईकोर्ट के 38वें चीफ जस्टिस हैं। शपथ समारोह में सीएम अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी, कई मंत्री, विधायक, राजस्थान हाईकोर्ट के जज, वकील और जस्टिस कुरैशी के परिवार के सदस्य मौजूद रहे। जस्टिस कुरैशी, इंद्रजीत महांति की जगह आए हैं। महांति का त्रिपुरा हाईकोर्ट तबादला हुआ है।

जस्टिस एए कुरैशी 7 मार्च 2022 को रिटायर होने वाले हैं। उनका कार्यकाल करीब साढ़े पांच महीना का ही रहेगा। जस्टिस कुरैशी का जन्म 7 मार्च 1960 को गुजरात में हुआ। उन्होंने 1983 में LLB की। गुजरात हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। बाद में वकील कोटे से मार्च 2005 में कुरैशी गुजरात हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रहे।

दादा रह चुके हैं गांधी जी के सहयोगी

जस्टिस एए कुरैशी के दादा गुलाम रसूल कुरैशी गांधीजी के साथ काम कर चुके थे। दांडी यात्रा में जस्टिस कुरैशी के दादा ने सहयोगी के तौर पर हिस्सा लिया था। जस्टिस कुरैशी के पिता हामिद कुरैशी सीनियर वकील रहने के साथ साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक ट्रस्ट के ट्रस्टी थे। वे 1917 में गांधी की ओर से स्थापित साबरमती आश्रम में पैदा हुए और जिंदगी भर इसी आश्रम में रहे।

हाईकोर्ट के वरिष्ठतम जजों में से एक हैं जस्टिस कुरैशी

जस्टिस अकील कुरैशी देश में हाईकोर्ट के वरिष्ठतम जजों में से एक हैं। गुजरात हाईकोर्ट में जज रहते हुए अमित शाह और गुजरात सरकार के खिलाफ फैसला सुनाने को लेकर वो चर्चा में आए थे। जस्टिस कुरैशी ने 2012 में रिटायर जस्टिस आरए मेहता की लोकायुक्त के रूप में नियुक्ति को बरकरार रखा ‌था। जस्टिस कुरैशी के फैसलों की देशभर में चर्चा हुई थी। पहले जस्टिस कुरैशी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का सीजे बनाने पर वहां की सरकार ने आपत्ति की थी, बाद में उन्हें त्रिपुरा भेजा गया था।


Jagruk Janta

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