- प्रदर्शनस्वरूप सर्व हिन्दू समाज ने निकाली रैली
- एसडीएम को सौपा ज्ञापन, बांग्लादेशी हिंदुओं की हत्याएं, बलात्कार, जबरन धर्मपरिवर्तन इत्यादि घटनाओ पर तत्काल रोक लगाने की मांग
जयपुर। बांग्लादेश में निर्दोष हिंदुओं पर हुई हिंसा के विरुद्ध एवं पीड़ित हिंदुओ के समर्थन में बुधवार को सागानेर मे सर्व हिंदू समाज सड़कों पर उतरा। सर्व हिन्दू समाज की ओर से सागानेर स्टेडियम पर ‘विशाल जन आक्रोश प्रदर्शन’ किया गया।
सर्व हिन्दू समाज के आह्वान पर सागानेर स्टेडियम मे सांगानेर के सभी हिन्दू व्यापारी, ट्रांस्पोर्टर, कर्मचारी-अधिकारी, उद्योगपति इत्थादि एकत्रित हुए। यहा प्रदर्शन किया गया। इसके बाद विशाल रैली निकाली गई।
रैली मे प्रदर्शनकारी ‘हिन्दू एकता जिन्दाबाद’, मां-बहनो पर अत्याचार अब नही सहेगा हिन्दू-हिन्दूस्तान’, ‘बाग्लादेशी हिन्दुओ पर अत्याचार बंद करो-बंद करो’, ‘रोहिग्यो भारत छोडो’, बाग्लादेशी हिन्दुओ के मानवाधिकार की रक्षा हो’ इत्यादि गगनभेदी उद्घोष लगाते हुए आगे बढ रहे थे। रैली सागानेर स्टेडियम से रोडवेज बस स्टैंड, मालपुरा गेट, मुख्य बाजार, सिटीबस स्टैंड सहित विभिन्न स्थानो से होती हुई एसडीएम कार्यालय पहुंची जहा प्रतिनिधि मण्डल ने एसडीएम को ज्ञापन सौपा और बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्याएं, बहन-बेटियों के साथ बलात्कार, जबरन धर्मपरिवर्तन इत्यादि घटनाओ पर न केवल तत्काल रोक लगाने बल्कि इसकी किसी भी परिस्थिति मे इनकी पुनरावृत्ति नही होने की मांग की गई।
व्यापारियों का समर्थन
विशाल आक्रोश प्रदर्शन को व्यापारियो का पूर्ण समर्थन मिला। स्थानीय व्यापार मण्डल ने न केवल सभी व्यापारियो को प्रदर्शन मे शामिल होने बल्कि स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद करने का भी आग्रह किया। व्यापारियो ने स्वेच्छिक दुकाने बंद भी रखी। आक्रोश प्रदर्शन में जनसमूह द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रति भी आक्रोश रहा और संयुक्त राष्ट्र संघ से बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे अत्याचार की घटनाओं के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने की मांग की गई!
तेज बरसात नही कर सकी विचलित
सुबह से ही तेज बरसात हो रही थी। बरसात के कारण जगह-जगह जाम था फिर भी हजारों की संख्या में लोग पूरे समय प्रदर्शन में शामिल हुए।
मातृशक्ति ने ‘मिलाया’ कदम
तेज बरसात होने के बाद भी पुरुषों के साथ मातृशक्ति भी अच्छी संख्या मे प्रदर्शन स्थल पर पहुची। मातृशक्ति पुरूषो के साथ कदम मिलाती आगे बढ रही थी। रैली का नेतृत्व मातृशक्ति की ओर से किया गया। वे आगे-आगे चल रही थी और उनके पीछे गगनभेदी उद्घोष लगाते हुए पुरुष चल रहे थे।