मनोचिकित्साकों के लिए क्लिनिकल प्रेक्टिस गाइड लाइन्स पर कार्यशाला


इंडियन साइक्रियाटिक सोसायटी एवं गौतम हॉस्पिटल व इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिहेवियरल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित
50 से अधिक विशेषज्ञ हुए सम्मिलित

जयपुर। इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी एवं गौतम हॉस्पिटल व इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिहेवियरल साइंसेज जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में भारत के मनोचिकित्सकों के लिए क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स कार्यशाला का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 10 अगस्त को प्रातः 9 बजे गोल्डन टयूलिप होटल में माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा किया गया। भारतीय मनोचिकित्सा परिषद ने डॉ शिव गौतम को इस कमेंटी के अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया हुआ हैं। इस वर्ष क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स “मनोव्याधियों में बेहतर अनुभूति के लिए आंकलन एवं उपचार” विषय पर बनाई जा रही हैं। देश भर के 50 से अधिक विशेषज्ञयो ने इस कार्यशाला में भाग लेकर अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया तथा विचार विमर्श एवं मंथन के बाद जो निष्कर्ष निकलेगा उसकी पुस्तक देश भर के मनोचित्सकों को इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी द्वारा इंडियन जर्नल ऑफ़ साइकाइट्री के परिशिष्ट के रूप में भेजी जाएगी।

माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने वर्तमान समय में बढ़ते मनोविकारों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश की जनसंख्या बहुत बड़ी है, लेकिन मनोचिकित्सकों की संख्या बहुत कम है। आंकड़ों की बात कर तो प्रति एक लाख जनसंख्या पर भारत में अभी 0.75 मनोचिकित्सक है। इस कारण से, बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होते हुए भी इलाज नहीं करवा पाते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है।
क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह सभी मनोचिकित्सकों को एक गाइडलाइन के रूप में कार्य करता है। यह बताता है कि किस बीमारी में किस तरह की दवा का उपयोग करना चाहिए और इलाज कैसे करना चाहिए। यह दस्तावेज मनोचिकित्सकों को बेहतर तरीके से इलाज करने में मदद करता है।

डॉ शिव गौतम ने बताया कि इस कार्यशाला में देश भर से करीब 70 मनोचित्सक विशेषज्ञ उपस्थित रहे। जिनमें इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के सचिव डॉ अमृत पत्तोंजोशी भुवनेश्वर, डॉ विहांग वाहिया मुंबई, डॉ देबादत्त महापात्रा उड़ीसा, डॉक्टर संदीप ग्रोवर चंडीगढ़, डॉक्टर अलीम सिद्दीकी लखनऊ, डॉक्टर अलका सुब्रमण्यम मुंबई, डॉ नवेन्दु गौर अजमेर, डॉ मनीषा गौर अजमेर, डॉ मनस्वी गौतम, डॉ अनीता गौतम, डॉक्टर पी टी शिवकुमार बेंगलुरु, डॉ मुरलीधर केशवन बेंगलुरु, डॉ सत्यराज वेल्लोर चेन्नई, डॉ सुरेश बडामठ बैंगलोर, डॉ समीर कुमार प्रहराज कर्नाटक, अविनाश डिसूज़ा मुंबई, ओ पी सिंह कोलकाता, सुभमोहन सिंह चंडीगढ़ आदि ने पत्र वाचन किया। क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स का प्रकाशन इंडियन जर्नल ऑफ़ साइकाइट्री के जनवरी 2025 के साथ परिशिष्ट के रूप में होगा व देश के सभी मनोचित्सको को उपलब्ध कराया जायेगा।


Jagruk Janta

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