कुलपति डॉ बलराज सिंह ने सौफ उत्पादन में योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को याद करते हुए शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोबनेर से विकसित सौफ की किस्म आरएफ 290 को राष्ट्र को समर्पित 109 किस्मों में शामिल किया है,यह जोबनेर के लिए बड़ी गौरव की बात है कि श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर ने सौंफ की किस्म आरएफ 290 को विकसित किया है।
जयपुर @ जागरूक जनता। कुलपति डॉ बलराज सिंह ने सौफ उत्पादन में योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को याद करते हुए शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोबनेर से विकसित सौफ की किस्म आरएफ 290 को राष्ट्र को समर्पित 109 किस्मों में शामिल किया है,यह जोबनेर के लिए बड़ी गौरव की बात है कि श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर ने सौंफ की किस्म आरएफ 290 को विकसित किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर से चयनित उच्च पोषण युक्त, विभिन्न खाद्य फसलों की 109 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया जिसमें अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत जोबनेर के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित सौंफ की किस्म आर.एफ. 290 शामिल है। जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणीय रहा है उसी का नतीजा है कि कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित सौंफ की आर.एफ. 290 किस्म को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह भी बताया कि सौंफ की किस्म आर.एफ. 290 क्लाइमेट रेजिलेंट, अधिक उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधी, अधिक तेल वाली एक किस्म है, जिसकी उपज क्षमता 2065 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है एवं यह किस्म 145–150 दिन मे पककर तैयार हो जाती है। साथ ही डॉ बलराज सिंह ने बताया की यह किस्म रूमुलेरिया ब्लाईट के लिए प्रतिरोधी है तथा राजस्थान के अर्धशुष्क क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
साथ ही, यह भी बताया कि सीवीआरसी नई दिल्ली द्वारा पहचान की गई सोफ की एक और उन्नत किस्म आर.एफ. 289 (कर्ण सोफ1) में भी अधिक उपज और वास्पशील तेल की मात्रा 1.85त्न तक हैं। इसकी अधिक उपज के कारण इसका लाभ राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, एवं हरियाणा, के किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। इन दोनों किस्मों का न्यूक्लियस बीज का उत्पादन कर लिया गया हैं,जल्द ही इससे ब्रीडर सीड का उत्पादन किया जाएगा, जिससे कि जल्द से जल्द इन दोनों उन्नत किस्मों का बीज विकसित कर किसानों को उपलब्ध करवा दिया जाएगा । प्रदेश के अर्ध शुष्क वातावरण में विकसित यह किस्में सौंफ की खेती करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। कुलपति डॉ बलराज सिंह ने इस किस्म को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों को याद करते हुए बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की।