किसानों को तोहफा: पीएम मोदी ने गेहूं, चावल समेत 61 फसलों की 109 उन्नत किस्में की जारी, क्या है इनकी खासियत?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए रविवार को 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्में जारी कीं। ये नई किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से लंबे समय के रिसर्च के बाद विकसित की गई हैं जिन्हें मौसम और क्षेत्र के अनुकूल बनाया गया है। इनसे कम जमीन में भी अधिक पैदावार हो सकेगी।

  • चावल की नौ, गन्ना-तिलहन की सात-सात व बागवानी की 40 किस्में शामिल।
  • सभी किस्में पोषणयुक्त हैं, जिन्हें जलवायु के अनुकूल विकसित किया गया है।

नई दिल्ली। देश में कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्में जारी की हैं। इनमें चावल की नौ, गन्ना एवं तिलहन की सात-सात एवं बागवानी फसलों की 40 किस्में शामिल हैं।

सभी किस्में पोषणयुक्त हैं, जिन्हें जलवायु एवं क्षेत्र के अनुकूल विकसित किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में इनपर लंबे समय से काम किया जा रहा था। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों एवं वैज्ञानिकों से प्राकृतिक खेती की जरूरतों, लाभों एवं जैविक खाद्यान्नों की बढ़ती मांगों पर विमर्श किया।

पीएम ने दिया सुझाव
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को प्रत्येक महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभ के बारे किसानों को बताया जाना चाहिए, ताकि खेती की लागत में कमी आ सके। सरकार का जोर विज्ञान को खेतों तक पहुंचाने पर है। प्रधानमंत्री ने राजधानी के आईसीएआर परिसर के खेतों में जाकर इन नई किस्मों को जारी किया।

इसकी जरूरत पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध के निष्कर्षों को खेतों तक पहुंचाने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। उन्नत बीजों से खेती करने पर किसानों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि खेती की लागत कम होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी
पीएम ने प्राकृतिक खेती के साथ-साथ जैविक खेती के प्रति किसानों के बढ़ते विश्वास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि लोगों ने पोषणयुक्त अनाज होने के चलते जैविक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। इससे मांग में वृद्धि हो रही है। मोटे अनाज की ओर झुकाव इसका उदाहरण है। केंद्र सरकार का मानना है कि कम लागत में अधिक उपज के लिए उन्नत बीज चाहिए।

पीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती गर्म हो रही है। ऐसे में हमें वैसे बीज की जरूरत है, जो जलवायु के अनुकूल हों, अधिक पैदावार दे सकें और जिसकी खेती में कीटनाशकों का प्रयोग कम हो। नई किस्मों को वैज्ञानिकों ने काफी अनुसंधान के बाद जलवायु और मिट्टी के अनुकूल तैयार किया है। इनमें धान की ऐसी किस्म भी है, जिसकी खेती में 20 प्रतिशत तक कम पानी लगेगा। कीटों का प्रकोप भी कम होगा।

इन फसलों की किस्में जारी
जारी 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 खेत की फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। खेत की फसलों में बाजरा, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, फाइबर समेत विभिन्न अनाज के उन्नत बीज जारी किए। बागवानी में आम, अनार, अमरूद, बेल जैसे फलों के साथ सब्जियों में टमाटर, लौकी आदि के साथ कंद, मसालों, फूलों एवं औषधीय पौधों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।

अनाज में चावल, गेहूं, जौ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, छीना, सांबा आदि। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि एवं किसानों के लिए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि नई किस्मों से प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी पैदावार मिल सकती है।


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